डूटा ने कुलप‍त‍ि को ल‍िखा पत्र, कहा शैक्ष‍ण‍िक गुणवत्‍ता से समझौता स्‍वीकार नहीं!

     

डूटा ने कुलप‍त‍ि को ल‍िखा पत्र, कहा शैक्ष‍ण‍िक गुणवत्‍ता से समझौता स्‍वीकार नहीं!        


-    'स्‍वयं' व 'मूक्‍स' जैसे ऑनलाइन माध्‍यमों की अनुम‍त‍ि देना अध्यापन पदों और वित्तीय आवश्यकताओं को टालने का प्रयास!

      नए पदों और व‍ित्‍तीय आवश्‍यकताओं की शीध्र पूर्त‍ि सु‍न‍िश्‍च‍ित करें डीयू प्रशासन!

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने द‍िल्‍ली विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अकादम‍िक परिषद में पूरक एजेंडा के माध्‍यम से प्रस्‍तुत पांच प्रतिशत क्र‍ेड‍िट स्‍वयं और मूक्‍स जैसे ऑनलाइन माध्‍यमों से अर्जित करने के प्रस्‍ताव को स‍िरे से नकार द‍िया है । डूटा ने द‍िल्‍ली विश्वविद्यालय कुलपत‍ि प्रो योगेश स‍िहं को पत्र ल‍िख कर साफ कर द‍िया है क‍ि यह प्रस्‍ताव स्‍पष्‍ट रूप से विश्वविद्यालय में चौथे वर्ष के लागू होने से उत्पन्न अतिरिक्त अध्यापन पदों और वित्तीय आवश्यकताओं को टालने की मंशा को दर्शाता है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पूर्णतया खि‍लाफ है। इसल‍िए डूटा ऐसी किसी भी कोश‍िश को कतई स्‍वीकार नहीं करेगा । डूटा ने अपने पत्र में चेतावनी देते हुए स्‍पष्‍ट किया है क‍ि यद‍ि विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह के प्रयासों के माध्‍यम से प्रशासन शैक्ष‍ण‍िक गुणवत्‍ता से समझौता करने का प्रयास करता है तो आगामी 12 जुलाई, 2025 से  शिक्षक अधिकारों की रक्षा और विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मूल्यों को सुरक्षा के लि‍ए व‍िरोध प्रदर्शन शुुरू होगा । 

डूटा ने कुलप‍त‍ि को ल‍िखे पत्र में बताया क‍ि है क‍ि अकादमिक परिषद की बैठक में शामिल पूरक एजेंडा बिंदु 6.1.5 के प्रत‍ि उनका कड़ा विरोध है। इस एजेंडा बिंदु में नियमित स्नातक (यूजी) एवं स्नातकोत्तर (पीजी) कार्यक्रमों में पांच प्रतिशत क्रेडिट स्‍वयं और मूक्‍स जैसे ऑनलाइन माध्यमों से अर्जित करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। डूटा का मानना है कि इस प्रस्ताव के पीछे विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत चौथे वर्ष को लागू करने से उत्पन्न अतिरिक्त अध्यापन पदों और वित्तीय आवश्यकताओं को टालने की मंशा है। डूटा अध्‍यक्ष ने कहा है कि हम विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते है क‍ि 2025–26 के शैक्षणिक कैलेंडर में  शिक्षकों के बढ़ते शैक्षणिक कार्यभार को देखते हुए शीतकालीन अवकाश की अवधि बढ़ाई जाए इसके साथ - साथ सेमेस्टर ब्रेक को शिक्षकों के लिए औपचारिक अवकाश अवधि के रूप में घोषित किया जाए।

डूटा का मत स्‍पष्‍ट करते हुए अपने पत्र में कहा है क‍ि नियमित विद्यार्थियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से शैक्षणिक क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति देना, विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर और गुणवत्ता से समझौता करने का प्रयास है, जो क‍ि कक्षा में शिक्षण के महत्‍व को कम करेगा, विद्यार्थी - शिक्षक संवाद को बाधित करेगा और शिक्षकों पर कार्यभार को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परंपरा और उन निर्णयों के विरुद्ध है, जो अब तक अकादमिक समुदाय और वैधानिक निकायों द्वारा लिए गए हैं, जिसमें प्रत्यक्ष शिक्षण और संकाय मार्गदर्शन को प्राथमिकता दी गई है। डूटा ने कहा है क‍ि स्‍वयं और मूक्‍स जैसे ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की सामग्री, पाठ्यक्रम और शैक्षणिक स्तर, दिल्ली विश्वविद्यालय की मजबूत शैक्षणिक संरचना के अनुरूप नहीं हैं और ऐसी क‍िसी भी कोश‍िश को हम पूरा नहीं होने देंगे ।

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