"गैस चैंबर से हरित राजधानी तक": दिल्ली-एनसीआर का शीर्ष इको क्लब घोषित हुआ एस.जी.टी.बी. खालसा कॉलेज का 'ईकोक्लान'

 "गैस चैंबर से हरित राजधानी तक": दिल्ली-एनसीआर का शीर्ष इको क्लब घोषित हुआ एस.जी.टी.बी. खालसा कॉलेज का 'ईकोक्लान'

नई दिल्ली – दिल्ली विश्वविद्यालय के एस.जी.टी.बी. खालसा कॉलेज को यह घोषणा करते हुए अत्यंत गर्व की अनुभूति है कि, कॉलेज की पर्यावरण इकाई ईकोक्लान (ECOCLAN) को दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता तथा दिल्ली सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा "दिल्ली-एनसीआर में अत्यंत सराहनीय नवोन्मेषी इको क्लब परियोजना" का खिताब प्रदान किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान वन महोत्सव 2025 के अवसर पर प्रदान किया गया, जिसका आयोजन 3-4 जुलाई को नई दिल्ली के भारत मंडपम में दिल्ली सरकार के वन एवं वन्यजीव विभाग द्वारा किया गया।

                      


समारोह में दिल्ली के "गैस चैंबर से हरित राजधानी" बनने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया गया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विषैली वायु प्रदूषण, गाद भरे जलाशयों, रासायनिक रूप से प्रदूषित नदियों और अपार कचरे जैसी चुनौतियों का जिक्र करते हुए जोर दिया कि इनके समाधान के लिए वैज्ञानिक समझ, नागरिक जवाबदेही, शैक्षणिक नवाचार और सरकारी प्रतिबद्धता आवश्यक है। सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली को "विश्व की सर्वश्रेष्ठ राजधानी" बनाने के अभियान में प्रत्येक नागरिक से जुड़ने का आह्वान किया तथा दिल्ली-एनसीआर के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के इको-क्लबों को इस दृष्टि में योगदान के लिए धन्यवाद दिया।


                   


कॉलेज की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वनस्पति विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंजना सागर काईम ने कहा:"वर्षों से हमारे छात्रों ने आज चर्चित पर्यावरणीय संकटों का समाधान खोजा है। हम वैज्ञानिक शोध को जन-आंदोलन से जोड़ते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि हर अनुचित मानवीय कार्य की पारिस्थितिकीय प्रतिक्रिया होती है। दिल्ली को स्वस्थ और हरा-भरा बनाने में हम सरकार व नागरिकों के साथ काम करने को तत्पर हैं।"


यह पुरस्कार ईकोक्लान द्वारा पर्यावरण विज्ञान को क्रियान्वयन में बदलने के प्रमाणित प्रभाव को स्वीकार करता है, जिसमें शामिल हैं: शून्य-अपशिष्ट अभियान, शहरी वनीकरण, जल संरक्षण परियोजनाएँ, समुदाय जागरूकता कार्यक्रम। क्लब के प्रयासों ने परिसर का कार्बन पदचिह्न घटाया, पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्जीवित किए और स्थायित्व की संस्कृति विकसित की, जिससे यह दिल्ली-एनसीआर में संस्थागत पर्यावरण नेतृत्व का मानदंड बना।

प्राचार्य प्रो. गुरमोहिंदर सिंह ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा: "यह सम्मान हमारे कॉलेज की सतत परिवर्तन की प्रयोगशाला बनने की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है। ईकोक्लान का कार्य 'हरित राजधानी' दृष्टि को साकार करता है। हम मुख्यमंत्री जी का आभारी हैं और उन सभी छात्रों, शिक्षकों व साझेदारों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने जुनून को सार्थक उद्देश्य में बदला।"

यह सम्मान दिल्ली के हरित परिवर्तन में एस.जी.टी.बी. खालसा कॉलेज की अग्रणी भूमिका को पुनः रेखांकित करता है। ईकोक्लान विज्ञान-आधारित सामुदायिक कार्यक्रमों के अपने मॉडल को विस्तारित करते हुए एक स्वस्थ व टिकाऊ राजधानी के निर्माण में सक्रिय रहेगा। कॉलेज इस हरित क्रांति को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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