श्यामलाल कॉलेज (सांध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय ने 9 मई को अपने 55वें वार्षिक दिवस और पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित
श्यामलाल कॉलेज (सांध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय ने 9 मई को अपने 55वें वार्षिक दिवस और पुरस्कार वितरण समारोह का भव्य आयोजन कॉलेज परिसर में किया। यह समारोह न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता का उत्सव था, बल्कि चरित्र निर्माण, नेतृत्व विकास और समग्र शिक्षा दृष्टिकोण का सशक्त प्रतिबिंब भी रहा।
मुख्य अतिथि के रूप में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने समारोह की शोभा बढ़ाई। कॉलेज के संस्थापक और राज्यसभा सांसद रहे स्वर्गीय श्री श्यामलाल गुप्ता को स्मरण करते हुए ओम बिरला ने कॉलेज की उस शैक्षणिक परंपरा की सराहना की, जो केवल ज्ञान प्रदान नहीं करती, बल्कि मूल्यनिष्ठ समाज के निर्माण की दिशा में अग्रसर करती है। उन्होंने भारत के नौजवानों की कुशलता को विश्व की आवश्यकता बताया, साथ ही 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के लिए नवप्रवर्तन, नए विचार और नवनेतृत्व को आधार बताया।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद श्री मनोज तिवारी भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों के अकादमिक समर्पण और सांस्कृतिक सक्रियता की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के युवा ही भारत का भविष्य हैं।उन्होंने मंच से 'भारत माता की जय' के उद्बोधन के साथ यह संदेश भी दिया कि वर्तमान की तनावपूर्ण स्थिति में प्रत्येक नागरिक को एकजुट रहने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डीन ऑफ कॉलेजेज़, दिल्ली विश्वविद्यालय प्रो. बलराम पाणी ने संस्थान की नवाचार, शोध और समावेशिता को बढ़ावा देने वाली नीतियों की प्रशंसा करते हुए श्यामलाल कॉलेज को आधुनिक शिक्षा का प्रकाश स्तंभ बताया।
प्राचार्य प्रो. नचिकेता सिंह ने स्वागत भाषण के साथ शैक्षणिक वर्ष 2024-25 का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें कॉलेज की शैक्षणिक उपलब्धियों, शोध पहलों, डिजिटल नवाचारों, खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों तथा सामाजिक उत्तरदायित्व अभियानों का समग्र विवरण साझा किया गया।मंच पर कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के प्रतिनिधि हिमांशु गुप्ता भी मौजूद रहे।कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रमोद कुमार तथा सह-संयोजक प्रो. आदित्य पी. त्रिपाठी के नेतृत्व में आयोजन पूर्ण हुआ।
यह आयोजन केवल पुरस्कारों का वितरण नहीं, बल्कि प्रेरणा, स्वीकृति और उत्सव का संगम रहा जो परंपरा और नवाचार के समन्वय से शिक्षा को जीवन दर्शन में रूपांतरित करता है.कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।