कविता व्यक्ति के आंतरिक भावों को व्यक्त करती है - प्रो.नचिकेता सिंह

 कविता व्यक्ति के आंतरिक भावों को व्यक्त करती है - प्रो.नचिकेता सिंह

                    



श्यामलाल महाविद्यालय (सांध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय के गांधी अध्ययन केंद्र ने अंतर-महाविद्यालयी , स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया।इस प्रतियोगिता का विषय था 

“विकसित भारत और गांधीवादी मूल्य"।


कॉलेज के प्राचार्य प्रो.नचिकेता सिंह ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए विकसित भारत के संबंध में गांधीवादी मूल्यों के महत्त्व को स्पष्ट किया।उन्होंने कविता को मानवमन के भावों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बताया।

इस प्रतियोगिता में दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों से के साथ श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) के अनेक विभागों के प्रतिभागियों ने इस विषय पर अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं। प्रतियोगिता के जज अरुणा चौधरी,प्रणव ठाकुर और नीरज कुमार मिश्र ने सर्वसम्मति से प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमशः खुशी,रिया,राजाबाबू के साथ सांत्वना पुरस्कार :योगिता और बृजलाला को घोषित किया।

                         



गांधी अध्ययन केंद्र के प्रभारी डॉ. अमित सिंह ने 

धन्यवाद ज्ञापन देते हुए, इस प्रतियोगिता के माध्यम से गांधीवादी मूल्यों को विकसित भारत के मॉडल से जोड़कर देखा। इस कार्यक्रम में गांधी अध्ययन केंद्र समिति के सदस्य डॉ.इला भूषण जैन,सुश्री. अंजुबाला, डॉ.रामरूप मीणा ,कार्यक्रम संयोजिक डॉ. सारिका त्यागी के साथ अन्य विभागों के शिक्षक, छात्र  बड़ी संख्या में शामिल रहे।

Post a Comment

Previous Post Next Post