शिक्षा संस्कार व राष्ट्रीय चेतना का समन्वय ही पुण्यश्लोक अहिल्याबाई : प्रो योगेश सिंह, कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय
पुण्यश्लोक अहिल्याबाई बहुउद्देशीय सभागार के शिलान्यास व महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित "विकसित भारत में नारी कैसी हो भागीदारी" विषय पर संगोष्ठी में, मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. योगेश सिंह , कुलपति, दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रथम आगमन हुआ,इस अवसर पर प्रो अनिल अनेजा जी, अध्यक्ष शासी निकाय, लक्ष्मीबाई महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय व प्रो प्रत्यूष वत्सला जी, प्राचार्य लक्ष्मीबाई महाविद्यालय द्वारा दीप प्रज्वलन व कुलगीत के साथ किया गया।
कार्यक्रम के औपचारिक उद्घाटन के पूर्व यशस्वी कुलपति महोदय द्वारा पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर को समर्पित बहुउद्देशीय सभागार का भूमिपूजन व शिलान्यास किया।कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो प्रत्यूष वत्सला ने माननीय कुलपति व शासी निकाय के अध्यक्ष महोदय का अंग -वस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लक्ष्मीबाई महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष प्रो अनिल अनेजा जी ने द्वारा स्वागत भाषण देते हुए महाविद्यालय के शैक्षणिक व सामाजिक अवदानों पर प्रकाश डाला।
दिल्ली विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अपने संबोधन में इस बात पर ज़ोर दिया कि एक विकसित भारत की कल्पना तभी साकार हो सकती है, जब महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में सुनिश्चित की जाए — चाहे वह शिक्षा हो, विज्ञान, राजनीति, आर्थिक क्षेत्र, खेल, या सामाजिक नेतृत्व। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति केवल परिवार की धुरी नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण की भी महत्वपूर्ण आधारशिला है, महिलाओं को उच्च शिक्षा और तकनीकी कौशल से सशक्त बनाना जरूरी है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। विषय को आगे बढ़ाते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि स्टार्टअप्स, उद्यमिता, और कॉर्पोरेट जगत में महिलाओं की भागीदारी बढ़े, तो देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।महिलाओं को स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नेतृत्व भूमिकाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।आधुनिक भारत में परंपरा और प्रगतिशील सोच का सामंजस्य बनाए रखना होगा, जिससे महिलाओं को अपनी पहचान और स्वतंत्रता के बीच संतुलन मिल सके।
प्रो. सिंह ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का उदाहरण देते हुए कहा कि हर भारतीय नारी में वही साहस, नेतृत्व और समर्पण की भावना मौजूद है, बस जरूरत है सही मार्गदर्शन और अवसरों की। महाविद्यालय भ्रमण कार्यक्रम के दौरान कुलपति महोदय ने, लक्ष्मीबाई रेजिमेंट, विक्रमशिला, अयोध्या धाम, तत्वमसि भवनों का निरीक्षण कर छात्राओं व शिक्षकों से संवाद किया।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो प्रत्यूष वत्सला ने माननीय कुलपति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया की लक्ष्मीबाई महाविद्यालय सतत दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षिक मानदंडों का अनुपालन करते हुए शैक्षिक नवाचार के प्रयास जारी रखेगी।कार्यक्रम का संचालन प्रो सबरीना सरीन ने किया। उक्त अवसर पर प्रो लता शर्मा,प्रो सीमा कौशिक,प्रो अनीता मल्होत्रा , डा प्रमिला,प्रो अलका हनरेजा, प्रो सुनीता,डा विनय कुमार मिश्र,डा प्रियंका कुमारी,डा राजेश जी सहित अन्य प्रबुद्धजन उपस्थित थे।