विकसित भारत का दृष्टिकोण ढाँचे के विकास से कहीं आगे-दुष्यंत गौतम

 विकसित भारत का दृष्टिकोण ढाँचे के विकास से कहीं आगे-दुष्यंत गौतम 

                  


लक्ष्मीबाई कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग ने "विकासशील देशों में वृद्धों की देखभाल, @2047: वृद्धजनों के जीवन के लिए नीतियाँ और कार्यक्रम" विषय पर दो दिव्य राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का आयोजन, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय और अधिकारी मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।

 इस संगोष्ठी के दूसरे दिन का विषय "भारतीय ज्ञान प्रणाली और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली के संबंध में चित्रण, सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम" था,जिसको कई सत्रों में विभक्त किया गया था। इसके उद्घाटन सत्र में कॉलेज की कार्यशाला प्रोलता शर्मा ने सभी विद्वानों का स्वागत किया।पहले सत्र के वक्ता प्रो.सनत कुमार शर्मा ने कर्म के सिद्धांत के संदर्भ में व्यक्तिगत विकास की चर्चा और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली में धर्म की परिभाषा दी।    

                    

 दूसरे वक्ता लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रो.आर.एन. तिवारी ने कहा कि भारतीय पारंपरिक संस्कृति एवं ज्ञान के सामसामयिक पैनल में विशेष रूप से सहकर्मियों की देखभाल के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। चौथी वक्ता के रूप में प्रो. राजकुमार कुमार शुक्ला ने आग्रह किया कि वे व्यावसायिक कार्यकुशलता और बुजुर्गों की व्यक्तिगत सेवा के बीच संतुलन बनाए रखें और दैनिक एक नवीनता का निर्माण करें। इस सत्र में राष्ट्रपति पद के लिए आयोजित प्रो.अनीता अख्तर ने सभी को धन्यवाद दिया।संचालन डॉ.स्वाति एस. मिश्रा ने किया।दूसरे सत्र के पहले वक्ता प्रो.बी. के नागाला ने भारत में जनसंख्या की समस्या पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए फिल्मांकन में बदलावों पर चर्चा की। दूसरे वक्ता प्रो.संजय तिवारी ने बुढ़ापे से जुड़ी रूढ़िवादिता को खत्म करने और युवाओं पर खेलों के परिवर्तनकारी प्रभाव को शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रो.श्वेता प्रसाद ने बुढ़ापे से जुड़ी रुधिवादिता को बढ़ाने के लिए युवा पीढ़ी को इसमें शामिल करने पर जोर दिया। इस सत्र के प्रमुख प्रो. रोहन अरोरा ने किया और ऑपरेशन डॉक्टर अदिति नारायणी ने किया। तीसरे सत्र में वक्ता प्रो. रचना जी ने एक सर्वेक्षण में बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी परमाणुओं और उनके रोग विज्ञान के बारे में विस्तार से बताया। प्रियंक सिंह ने अपने परिवार और बुजुर्गों की देखभाल में अहम भूमिका निभाई। राष्ट्रपति पद 

प्रोफेसर सीमा कौशिक ने और ऑपरेशन डॉ. निधि बालियान ने किया

समापन सत्र के मुख्य अतिथि भाजपा के मुखिया गौतम ने स्पष्ट किया कि 'विकसित भारत' का दृष्टिकोण कहीं से भी विकास की ओर नहीं बढ़ रहा है। बीजेपी की नेता पूनम शर्मा ने परिवार के बाकी सदस्यों को शामिल करने की महत्ता पर ज़ोर दिया। डूटा के अध्यक्ष प्रो.वी. एस. नेगी ने संघ के विषय की विपक्ष पर चर्चा की। माल्टा कपूर शंकरदास ने भारत के युग दराज में मौजूद समाज में महत्वपूर्ण चित्रण और महामारी संबंधी साहित्य पर जोर दिया। इस सत्र के संचालन में दो विक्रेताओं के वकील डॉ. सुनील कुमार मिश्र ने भाग लिया।इसके बाद नाटक मंचन के साथ प्रमाणपत्रों का वितरण भी किया गया।दूसरे दिन कई लोगों के साथ कॉलेज के छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या में गरिमामयी उपस्थिति रही।

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