दूरस्थ शिक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और महिला एवं बांझपन पर कार्यशाला के लिए एसओएल ने किया कर्टेन रेजर का आयोजन

दूरस्थ शिक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और महिला एवं बांझपन पर कार्यशाला के लिए एसओएल ने किया कर्टेन रेजर का आयोजन 

तेजी से विकसित हो रहे शैक्षिक परिदृश्य में बढ़ गई है दूरस्थ और मिश्रित शिक्षा की आवश्यकता: प्रो. योगेश सिंह  

नई दिल्ली, 28 जून। 


                     


दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) द्वारा दूरस्थ शिक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और महिला एवं बांझपन पर आयोजित होने वाली कार्यशाला के लिए एसओएल द्वारा कर्टेन रेजर समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की। इसमें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अतिथियों ने ऑनलाइन भाग लिया। गौरतलब है कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) द्वारा "ओपन, डिस्टेंस, डिजिटल और ब्लेंडेड लर्निंग में उभरते रुझान और चुनौतियां" (ओडीडीबीएल) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 29 से 31 जनवरी, 2026 तक किया जाएगा और महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र (डब्ल्यूएसडीसी) द्वारा "महिलाएं और बांझपन: भारतीय संदर्भ में जैव-सामाजिक आयाम" पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 21-22 अगस्त, 2025 को किया जाएगा। 


                   


इस अवसर पर संबोधित करते हुए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने जोर देकर कहा कि आज के तेजी से विकसित हो रहे शैक्षिक परिदृश्य में दूरस्थ और मिश्रित शिक्षा की आवश्यक हो गई है। उन्होंने छात्रों के ध्यान की अवधि कम होने के साथ साथ समकालीन सीखने की चुनौतियों का सामना करने के लिए शैक्षणिक नवाचारों की तत्काल आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। कुलपति ने बताया कि शिक्षण एक प्रतिबद्धता है और इसे वयस्क शिक्षार्थियों तक पहुँचने में एसओएल की अनूठी भूमिका का उल्लेख किया, जो एक निश्चित आयु सीमा पार कर चुके हैं, लेकिन शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित रहते हैं।

                 


सीओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो ने पूरे भारत में हाशिए पर और वंचित समुदायों के लिए शिक्षा तक पहुँच का विस्तार करने के लिए एसओएल की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने आगामी सम्मेलन के महत्व और ऑनलाइन, दूरस्थ, डिजिटल और मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में इसके प्रमुख विषयों पर भी प्रकाश डाला। प्रो. पायल मागो ने बताया कि आगामी सम्मेलन महामारी के बाद से दूरस्थ और डिजिटल शिक्षा पर पहला बड़ा राष्ट्रीय आयोजन होगा, जो हितधारकों को डिजिटल युग में शिक्षा की बदलती गतिशीलता पर विचार करने और उससे जुड़ने के लिए एक बहुत जरूरी मंच प्रदान करेगा। इस कर्टेन रेजर के साथ, सम्मेलन के लिए पंजीकरण अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रतिनिधियों के लिए खुला है।

                


डबल्यूएसडीसी के आयोजन सचिव प्रो. चक्रवर्ती महाजन ने बांझपन अनुसंधान और नीति निर्माण के लिए अधिक समग्र दृष्टिकोण अपनाने के महत्व को दोहराया तथा बायोमेडिकल विशेषज्ञों और सामाजिक वैज्ञानिकों के बीच सहयोग की वकालत की। इस अवसर पर , कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक प्रो. पायल मागो, एसओएल के प्रिंसिपल प्रो. अजय जायसवाल, सीओएल के संयुक्त निदेशक प्रो. प्रमोद तिवारी, डब्ल्यूएसडीसी के संयुक्त निदेशक प्रो. सुमन शर्मा और प्रो. के.एन. सरस्वती और सीओएल के सलाहकार-ओडीएल प्रो. सी.आर.के. मूर्ति आदि उपस्थित रहे।

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