*सत्यवती कॉलेज ईवनिंग के स्टूडेंट्स काउंसलिंग सेंटर ने "खुसरो दरिया प्रेम का" संगीत महोत्सव का आयोजन किया*
दिल्ली 5 मार्च ।
सूफ़ी व भक्ति साहित्य और संगीत भारतीय ज्ञान परंपरा की अमूल्य धरोहर हैं - सत्यवती महाविद्यालय ( सांध्य ) की गवर्निंग बॉडी की अध्यक्ष - प्रोफेसर पामेला ने 5 मार्च को सत्यवती महाविद्यालय ( सांध्य ) के स्टूडेंट काउंसलिंग सेंटर द्वारा आयोजित सूफ़ी और भक्ति संगीत कार्यक्रम : “ खुसरो दरिया प्रेम का “ में ये कहा । महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर हरिमोहन शर्मा जी ने हिन्दी को ख़ुसरो की देन पर बात करते हुए कहा कि हमें अपनी मातृभाषा को हमेशा अपने साथ रखना चाहिए ।
स्टूडेंट काउंसलिंग सेंटर की समन्वयक डॉक्टर डॉ. मेधा ने कहा कि “आज के समय में प्रेम, विश्वास , आस्था आउटडेटेड हो चुके हैं। ऐसे अँधेरे वक्त में उम्मीद की लौ - हमारे पीर - फ़क़ीर और संतों की वाणी और गीत हैं , जो हमें बार - बार जगाते हैं । “
इस प्रसिद्ध गायिका राधिका सूद नायक और कनिका नागपाल ने अपने भक्ति और सूफी गीतों के साथ दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। उनके साथ संगत पर गिटार पर डॉक्टर हुमायूँ , तबला पर हरजीत और हारमोनियम पर राहुल ने संगत किया ।
कार्यक्रम का उद्देश्य संगीत के माध्यम से दर्शकों को प्रेम, आध्यात्मिकता और आत्म-अन्वेषण के गहरे अनुभव में ले जाना था।
इस कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग की दो प्राध्यापक डॉ. अनुकृति और डॉ. माधवी को उनकी कविता - पुस्तकों पर मिले गोल्डन पुरस्कार के लिए सम्मानित किया गया ।
राधिका सूद नायक, मुख्य कलाकार, एक गायिका और संगीतकार हैं, जो सूफी संगीत और काव्य से गहरे प्रभावित हैं। उनका संगीत यात्रा 17वीं सदी के सूफी मिस्टिक बाबा बुल्ले शाह के कलाम से शुरू हुई थी और शाह हुसैन की कविताओं तक फैली हुई है, जिसे उन्होंने विभिन्न सहयोगों में गाया और रचनाबद्ध किया। नायक का संगीत हिंदुस्तानी शास्त्रीय परंपरा में निहित है, और वे श्री दयाल ठाकुर की शिष्य हैं।
इस कंसर्ट में नायक ने 10 आत्ममुग्ध कर देने वाले गीत गाए, जिनमें "सकल बन फूल रही सरसों" (अमीर खुसरो द्वारा), "मन लागो यार फकीरी में", और "निर्भय निर्गुण" शामिल थे। दर्शक उनकी प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध हो गए।
कार्यक्रम में प्रोफेसर हरिमोहन शर्मा, कार्यक्रम के संरक्षक, और प्रोफेसर पामेला सिंघला, कॉलेज की अध्यक्ष, जो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं, ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम की संचालनकर्ता डॉ. मेधा थीं और इसे समर्पित शिक्षकों की टीम ने समन्वित किया, जिनमें डॉ. तारिका, डॉ. सविता, मिस प्रियंका शर्मा, मिस पिंकी, डॉ. छमा, मिस प्रियंका , डॉ. ओम प्रकाश (कॉमर्स), डॉ. नीता, मिस अनुकृति सहित छात्र-छात्राएं ऋषिता वर्मा, नेहा, गौरव, संज्ञा, सक्षम, प्रेणना, पीवी लक्ष्मी, पूजा नेगी, और अंशिका शामिल थीं।
अपने स्वागत भाषण में डॉ. मेधा ने भक्ति और सूफी संगीत को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया, जो मनुष्य के रूपांतरण को क्षमता रखता है। उन्होंने कलाकारों, आयोजकों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद दिया।
राधिका सूद नायक और कनिका नागपाल जी की प्रस्तुति को दर्शकों द्वारा अत्यधिक सराहा गया, जो संगीत पर झूमते हुए और आत्मा को छूने वाली धुनों के साथ गाते हुए दिखे। कार्यक्रम का समापन खड़ा होकर तालियों से हुआ, और दर्शकों ने एक और प्रस्तुति की मांग की ।
"खुसरो दरिया प्रेम का" संगीत महोत्सव एक जबरदस्त सफलता साबित हुआ, जिसमें दर्शकों ने आयोजकों की सराहना की, जिन्होंने सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ावा देने वाला एक ऐसा कार्यक्रम तैयार किया। यह कार्यक्रम कॉलेज की कलात्मक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक था।