डी.यू.अतिधि शिक्षक संघ ने किया धरना प्रदर्शन

 

       डी.यू.अतिधि शिक्षक संघ ने किया  धरना प्रदर्शन

दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में महाविद्यालयों,एन.सी.डब्ल्यू. ई. वी. तथा एस.ओ.एल. में पढाने वाले अतिथि शिक्षक तथा शोधार्थियों द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन से नयी स्क्रीनिंग गाइडलाइंस को रद्द करने की मांग कर रहे हैं; इस संदर्भ में अतिथि शिक्षक कई बार लिखित ज्ञापन भी दे चुके है,बावजूद इसके इनकी सुनवाई अब तक नहीं हुई है।   दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब अगस्त 2022 में नियुक्ति प्रारंभ किया तब 50 अंक ए.पी.आई. तक के सभी अभ्यर्थियों को सहायक प्रोफेसर पद के साक्षात्कार हेतु अवसर दिया,लेकिन 4000 नियुक्ति के बाद अचानक सहायक प्रोफेसर भर्ती में बदलाव करके कुछ चुनिंदा लोगों को ही महत्तम ए.पी.आई. के आधार पर मात्र 40 लोगों को ही अवसर दिया जा रहा है। हद तब हो गयी जब आवेदन शुल्क 500 रुपये से 2000 रुपये कर दिया गया।

                     

दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बनाया गया नया स्क्रीनिंग गाइडलाइंस से यू.जी.सी. शिक्षक पात्रता नियम 2018 और सुप्रीम कोर्ट के कई निर्देशों का उल्लंघन एवं संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है। वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में लगभग 4000 अतिथि शिक्षक सेवारत हैं,नयी स्क्रीनिंग गाइडलाइंस के कारण इनका भविष्य पूर्णतया अंधकारमय हो गया है क्योंकि इन्हें स्थायी होने वाली साक्षात्कार प्रक्रिया से वंचित कर दिया गया है। इनके द्वारा लिखित शोध पत्र को एपीआई भारांक में सम्मिलित भी नहीं किया जा रहा है। नयी स्क्रीनिंग गाइडलाइंस विभेदकारी, संविधान एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन है। आतिथि शिक्षकों ने मांग की है कि 50 अंक एपीआई वाले सभी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने का अवसर दिया जाय।आवेदन शुल्क 500 रुपये ही रखा जाय।पीयर रिब्यू में प्रकाशित शोध-पत्र को अंक दिया जाय।अतिथि शिक्षकों के शिक्षण अनुभव को मान्यता दिया जाय तथा शिक्षकों वेतमान 75000 प्रतिमाह किया जाय। अतिथि शिक्षकों को स्थायीकरण में वरीयता दी जाय.

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