डीयू में आचारशाला के तहत विद्यार्थियों को सिखाया जा रहा है करुणा और राष्ट्र प्रेम
“मानवीय मूल्यों के विकास में दिल्ली विश्वविद्यालय का योगदान” विषय पर व्याख्यान आयोजित
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय द्वारा आचारशाला के व्याख्यान क्रम में तृतीय व्याख्यान का आयोजन विश्वविद्यालय के सम्मेलन केन्द्र में हुआ। इस व्याख्यान का विषय “मानवीय मूल्यों के विकास में दिल्ली विश्वविद्यालय का योगदान” था। इस संबंध में जानकारी देते हुए डीयू के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. रंजन कुमार त्रिपाठी ने बताया कि “आचारशाला” दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। विद्यार्थियों के व्यवहार में विश्वविद्यालय की गौरवशाली परम्परा परिलक्षित हो और उसमें राष्ट्र प्रेम तथा करुणा का भाव सहज रूप में विकसित हो, इसी लक्ष्य के साथ नवम्बर 2024 में आचारशाला का शुभारम्भ किया गया था। आचारशाला के व्याख्यान क्रम में इस तृतीय व्याख्यान के आयोजन का उद्देश्य मानवीय मूल्य-संवर्द्धन में दिल्ली विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करना था।
तृतीय व्याख्यान कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के सीईओ प्रो. राजीव गुप्ता ने मानवीय मूल्य, अखंडता एवं नैतिक उत्तरदायित्व में शैक्षणिक संस्थानों की अभिन्न भूमिका पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि विराजमान दिल्ली विश्वविद्यालय के योजना प्रभाग के अधिष्ठाता प्रो. निरंजन कुमार ने मानवीय मूल्यों को विकसित करने में मानविकी और सामाजिक विज्ञान की भूमिका को रेखांकित करते हुए शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार में शैक्षणिक उत्कृष्टता के महत्व पर चर्चा की। कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में विद्यमान डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक एवं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस अनुभाग के सीईओ नन्द कुमारम ने अत्यन्त सरल, सहज भाषा तथा संवाद शैली में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ प्रौद्योगिकी और मानवीय मूल्यों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने नैतिक सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए कर्तव्यनिष्ठा के साथ प्रौद्योगिकी के सदुपयोग पर बल दिया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. रंजन कुमार त्रिपाठी ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने ओजस्वी वक्तव्य में व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्रीय कल्याण के लिए प्रमुख स्तंभों के रूप में शिक्षा और मानसिक विकास के महत्व की विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को शैक्षणिक एवं व्यवसायिक क्षेत्रों में मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एक सार्थक परिचर्चा भी आयोजित हुई। कार्यक्रम का संचालन छात्र कल्याण की संयुक्त अधिष्ठाता प्रो. संगीता डी. गदरे ने किया तथा उप अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. चन्द्र प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में छात्र कल्याण संयुक्त अधिष्ठाता प्रो. हेना सिंह एवं प्रो. अमित बर्द्धन, उप-अधिष्ठाता डॉ. ग्लोरी, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, डॉ. निधि चंद्रा तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के अनेक आचार्यगण सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों ने सहभागिता की।
