एन.एफ.एस.आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन है : डूटा,उपाध्यक्ष

 एन.एफ.एस.आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन है : डूटा,उपाध्यक्ष


  इंटेक (आई)ने लिखा कुलपति को पत्र


नई दिल्ली: सूत्रों के हवाले से पता चल दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफ़ेसर लेवल कि नियुक्तियों में ओ. बी. सी., इ.डबल्यू.एस और पी.डब्ल्यू.डी के पदों पर एन.एफ.एस.कर दिया गया है। ज्ञात हो कि ओ.बी.सी.के लिए प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर दोनों ही पदों पर नियुक्ति होनी थी लेकिन एन.एफ.एस.कर दिया गया।  पिछले दिनों  विश्वविद्यालय में जो नियुक्ति प्रक्रिया चली है उसमें अबतक दो सौ से ज्यादा एन.एफ.एस. किये गए हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इसमें ज्यादातर  विश्वविद्यालय के विभागों के है.ध्यान रहे कि इस नियुक्ति समिति के चेयरमैन कुलपति स्वयं होते हैं. 

    इंटेक  (आई )ने कुलपति को पत्र लिखकर एन.एफ.एस कि इस गैर बराबरी और वंचित समाज कि हक़मारी वाली व्यवस्था के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज की है. हमने यह भी मांग की है कि जितने भी पदों पर एन.एफ.एस हुए हैं। उन सब पर अतिशीघ्र नियुक्ति की जाय. तथा आगे कभी भी एन.एफ.एस न हो. डूटा के उपाध्यक्ष सुधांशु कुमार ने कहा कि 

हमने यह भी मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन नियुक्ति की स्क्रिनिंग क्राइटेरिया को बदले. क्योंकि विश्वविद्यालय ने जिस प्रकार यू.जी.सी.रेगुलेशन से आगे जाकर सख्त स्क्रिनिंग क्राइटेरिया बनाया है उसकी वजह से बड़े पैमाने पर एस.सी. एस.टी., ओ.बी.सी. इ.डब्ल्यू.एस के कैंडिडेट साक्षात्कार के लिए योग्य ही नहीं पाए जाते. जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. इंटेक के अध्यक्ष अश्वनी शंकर ने कहा कि हम किसी भी सूरत में एन. एफ. एस बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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