खालसा कॉलेज में "वॉल ऑफ डेमोक्रेसी" का शुभारंभ

  खालसा कॉलेज में "वॉल ऑफ डेमोक्रेसी" का शुभारंभ

श्री गुरु तेग बहादुर कालसा कॉलेज में आज "वॉल ऑफ डेमोक्रेसी" का उद्घाटन कार्यशाला प्रो. गुर मोहिंदर सिंह ने किया। यह पहल कॉलेज प्रशासन की ओर से डेमोक्रेटिक बातचीत करने और छात्रों को अभिव्यक्ति का एक मजबूत मंच प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम होगा.                  


प्रोग्राम को प्रशिक्षण दिए गए वर्कशॉप प्रो. गुरमोहिंदर सिंह ने कहा कि -"लोकतंत्र केवल एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और जीवन की आत्मा है। छात्रों की सक्रिय भागीदारी और अभिव्यक्ति ही लोकतंत्र की मूल शक्ति है।"

                            


उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस वॉल ऑफ डेमोक्रेसी का प्रयोग सकारात्मक और प्रेरक विचारों के लिए करें।कॉलेज प्रशासन के अनुसार यह दीवार छात्रों के सुझाव, सुझाव और प्रोत्साहन का केंद्र बनेगी। यहाँ विद्यार्थी अपनी सोच और दृष्टिकोण को साझा कर बनाते हैं, जहाँ सम्मिलन में संवाद और लोकतांत्रिक परम्परा को और सम्मिश्रण होता है। प्रशासन का मानना ​​है कि सबसे पहले इसमें छात्रों को जिम्मेदार और वैज्ञानिकों को सहायक बनाना शामिल होगा। खालसा कॉलेज का इतिहास लोकतांत्रिक सिद्धांत और उनकी रक्षा की परंपरा से शुरू हो रहा है। समय-समय पर कॉलेज ने ऐसी पहलकदमियों के माध्यम से समाज और छात्रों को लोकतंत्र के महत्व से जोड़ा है। लोकतंत्र की दीवार को इसी गौरवशाली परंपरा का नया अध्याय माना जा रहा है। इस  अवसर कॉलेज प्रॉक्टर डॉ. अमरेन्द्र पांडे, कॉलेज यूनियन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. इंदरप्रीत कौर नंदा, अमरजीत सिंह चहल और डॉ. निम्मी सिंह भी स्पेशल गेस्ट के तौर पर शामिल हुईं। सभी ने सबसे पहले कहा कि यह कदम छात्रों को लोकतंत्र की मूल भावना से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगा।

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