*रामचरितमानस भारत की महानता की गाथा है- दुष्यंत गौतम*
*जीवन जीने का मूलमंत्र है रामचरितमानस -प्रो.नचिकेता सिंह*
श्यामलाल महाविद्यालय (सांध्य) दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग, आईक्यूएसी एवं संस्कृति संज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में "मानवता के लिए श्री रामचरितमानस व्याख्यान एवं श्रीरामचरितमानस दोहा वाचन प्रतियोगिता" का आयोजन किया गया।
महाविद्यालय प्राचार्य प्रो.नचिकेता सिंह ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि यह महान ग्रंथ हमें जीवन जीने की सही कला सिखाता है। राम के माध्यम से आदर्श समाज की स्थापना और उसमें निहित सीख रामचरितमानस को महान बनाती है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीजेपी के महामंत्री श्री दुष्यंत गौतम ने राम की मर्यादा को रेखांकित करते हुए कहा कि रामचरितमानस भारत की महानता की गाथा है। उसमें छिपे संस्कारों से सीख से शिक्षित और विकसित भारत की संकल्पना साकार हो सकती है। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि डॉ.आलोक कुमार मिश्र ने कहा कि हम राम के चरित्र में निहित त्याग, समर्पण एवं विनम्रता आदि भावों से ही अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। विशिष्ट अतिथि गुलाबचंद शुक्ल ने राम के आदर्श चरित्र पर प्रकाश डालते हुए, राम के दिखाए मार्ग पर चलने की सलाह दी।इस कार्यक्रम के आयोजक डॉ.प्रदीप कुमार सिंघल ने रामचरितमानस की महत्ता को बताते हुए कहा कि रामचरितमानस का अर्थ है राम के चरित्र से मानस का निर्माण है।आईक्यूएसी सदस्य प्रो.आदित्य प्रकाश त्रिपाठी ने रामचरितमानस में निहित उद्देश्यों और सीखों को उदाहरणों के माध्यम से समझाया।इ स महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम के संयोजक हिंदी विभाग के प्रो.अनिल राय ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि राम का चरित्र समाज में समन्वय की भावना को स्थापित करने के साथ मानवीय मूल्यों को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है।इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीरज कुमार मिश्र जी ने किया। दोहा वाचन प्रतियोगिता में विभिन्न महाविद्यालयों से आए 80 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया । इस कार्यक्रम में आयोजन समिति के सभी सदस्यों के साथ,सभी विभागों के प्राध्यापक और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।