दो साल के लिए महिला प्रोफेसर बच्चे की देखभाल के लिए ले सकती हैं छुट्टी
छुट्टी नही देने पर डीबार !
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने चाइल्ड केयर के प्रावधान को यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 में शामिल किया है। यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान नियम का पालन नहीं करता है तो डीबार भी हो सकता है।
आनाकानी से करना होगा परहेज
महिला प्रोफेसर अब बच्चे की देखभाल के लिए दो साल तक चाइल्ड केयर के नाम पर छुट्टी ले सकती हैं। उच्च शिक्षण संस्थान छुट्टी देने में आनाकानी नहीं कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने चाइल्ड केयर के प्रावधान को यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 में शामिल किया है। यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान नियम का पालन नहीं करता है तो डीबार भी हो सकता है। वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कई बार महिला प्रोफेसर इस मुद्दे पर शिकायत करती थीं, जबकि यह उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए यूजीसी ने इसे नए नियमों में शामिल किया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने चाइल्ड केयर के प्रावधान को यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 में शामिल किया है। यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान नियम का पालन नहीं करता है तो डीबार भी हो सकता है। वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कई बार महिला प्रोफेसर इस मुद्दे पर शिकायत करती थीं, जबकि यह उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए यूजीसी ने इसे नए नियमों में शामिल किया है।
उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 में साफ लिखा है कि यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो संबंधित उच्च शिक्षण संस्थान के खिलाफ आयोग सख्त कार्रवाई कर सकता है। इसमें किसी डिग्री प्रोग्राम में दाखिले पर रोक, जुर्माना, संबंधित कोर्स की मान्यता वापस लेने से लेकर संबंधित संस्थान की डीबार करना आदि शामिल है।
