धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: राज्यसभा में क्या है संख्या का गणित; NDA या इंडी कौन भारी?
सदन संचालन में धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन ने सर्वसम्मति से 60 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ नोटिस दिया। 72 साल में पहली बार किसी सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया है। शीत सत्र के दौरान सत्तापक्ष के सांसदों को अवसर देने और विपक्षी सांसदों की अनदेखी को लेकर समूचा विपक्ष धनखड़ के खिलाफ एकजुट हो गया है।विपक्षी दलों का अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन
अविश्वास प्रस्ताव नोटिस सौंपने के बाद जयराम रमेश ने पत्रकारों से कहा कि आइएनडीआइए गठबंधन से जुड़े सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर सर्वसम्मति से राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है। उनके अनुसार यह दुर्भाग्य है कि धनखड़ ने पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन का संचालन किया है और नेता विपक्ष की बात तक नहीं सुन रहे। केवल सत्ता पक्ष के सांसदों को हमारे वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ सबसे आपत्तिजनक भाषा में बेबुनियाद आरोप लगाने की अनुमति दे रहे हैं। सत्तापक्ष को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा और राज्यसभा के इतिहास में पहली बार सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने लिए विपक्ष को मजबूर किया गया है।
जयराम ने कहा कि यह दुखदायी निर्णय है मगर संसदीय लोकतंत्र के हित में विपक्ष को यह कदम उठाना पड़ा है। आम आदमी पार्टी के संजय ¨सह ने भी विपक्षी सांसदों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिए जाने की पुष्टि की। वहीं राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की उपनेता सागरिका घोष ने कहा कि प्रस्ताव पारित कराने के लिए हमारे पास संख्या नहीं है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के लिए लड़ने का यह एक मजबूत संदेश है।