*हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण : प्रो पवन सिन्हा*
नई दिल्ली, : मोतीलाल नेहरू महाविद्यालय *हिंदी साहित्य सभा अनुकृति* द्वारा *हिंदी दिवस* के अवसर पर आयोजित हिंदी उत्सव के अवसर पर आयोजिति कार्यक्रम में हिंदी के विकास से जुडे विविध प्रश्नों और उपयोगिता हिंदी राजभाषा ही नहीं हमारी शान है विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। दुनिया के 127 देशों में करीब दो करोड़ से अधिक लोग हिंदी इस्तेमाल करते हैं और आंशिक रूप से हिंदी से जुड़े हुए है।पूरी दुनिया में एक करोड़ लोग हिंदी से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। प्रोo पवन सिन्हा ने कहा कि हिंदी का संघर्ष राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन से शुरू होता है और यह आज तक जारी है। प्रो सिन्हा ने कहा कि जहां एक तरफ विद्यार्थियों में हिंदी का प्रचार-प्रसार हो रहा है। वहीं नई शिक्षा नीति में हिंदी के उत्थान पर ज्यादा बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे लचीली भाषा हिंदी है। भारत के बाहर कई देशों में हिंदी की लोकप्रियता है। हिंदी में उर्दू, अरबी, पस्तो, संस्कृत, अंग्रेजी के बहुत से शब्द मिल जाएंगे लेकिन इतनी समृद्धि के बावजूद हिंदी की स्थिति को हम चिंताजनक मानते हैं।प्रो सिन्हा ने कहा कि यह सच है कि दक्षिण भारत में राजनीतिक रूप से हिंदी का विरोध हो रहा है। लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या दूर हो जाएगी। ऐसा मुझे विश्वास है। लेकिन हिंदी पर हमारी मानसिकता प्रहार कर रही है और इसी मानसिकता के कारण हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी और तकनीकी भाषा के रूप में हिंदी के विकास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी भाषा होने के कारण गूगल जैसी वैश्विक कंपनी को हिंदी को अपनाना पड़ा। लेकिन भारत में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली हिंदी भाषा को आज तक राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंदी विभाग के प्रभारी प्रो० धनंजय दुबे ने कहा कि हिंदी सिर्फ संप्रेषण की भाषा नहीं बल्कि इसमें हिंदी समाज के लोगों के जीवन का अनुभव, ज्ञान और हुनर (स्किल) को भी अभिव्यक्त होना चाहिए। हिंदी में शुद्धतावाद का विरोध करते हुए प्रो दुबे ने कहा कि हिंदी में विभिन्न भाषाओं और बोलियों को शामिल किया जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन हिंदी सब्जेक्ट सोसायटी के संयोजक डॉo भास्करलाल कर्ण ने किया। कार्यक्रम में हिंदी विभाग के अध्यापक डॉo अशोक कुमार, डॉo शशि कुमार, डॉo अनिरुद्ध कुमार, हेमंत कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के पश्चात एक कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। जिसमे कवियित्री ज्योति त्रिपाठी, शिवानी ठाकुर,कनिष्का कुमारी ने अपनी कविताएं सुनाई। काव्य पाठ का संचालन तृतीय वर्ष के छात्र आनंद पांडे ने किया।