लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध इस्लाम के खिलाफ,: शेर मोहम्मद अब्बास

 लड़कियों की  शिक्षा पर प्रतिबंध इस्लाम के खिलाफ,: शेर मोहम्मद अब्बास

           

            Image Source: Google 

तालिबान के उप विदेश मंत्री

तालिबान सरकार में उप विदेश मंत्री ने  अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के पक्ष में आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा है कि महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध इस्लाम के सिद्धांतो के खिलाफ है। स्तानेकजई ने तालिबान के वरिष्ठ नेताओं से लड़कियों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की अपील भी की।

         



काबुल: तालिबान के कार्यवाहक उप विदेश मंत्री ने अफगान लड़कियों के लिए स्कूल खोले जाने की अपील की है। अफगानिस्तान में नई सरकार कायम होने के बाद से लडकियों की शिक्षा पर पाबंदी लगा दी गई थी। उप विदेशमंत्री की मांग आलोचनात्मक और चेतावनी भरा भी है। उनका कहना है कि लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी एक ऐसी नीति है जिसने तालिबान को दुनियाभर से अलग-थलग कर दिया। 

प्रतिबंध को बताया इस्लाम के खिलाफ

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकजई ने सप्ताहांत में एक भाषण में कहा कि लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध इस्लामी शरिया कानून के अनुरूप नहीं है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, मंत्री ने तालिबान के प्रशासन के नाम का जिक्र करते हुए कहा, "हम इस्लामिक अमीरात के नेताओं से शिक्षा के दरवाजे खोलने का अनुरोध करते हैं।" उन्होंने कहा, "पैगंबर मुहम्मद के समय में ज्ञान के दरवाजे पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए खुले थे।"

प्रतिबंध को महिलाओं के साथ अन्याय 

उप विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान की महिला आबादी का जिक्र करते हुए कहा, ''आज, चालीस करोड़ की आबादी में से हम बीस करोड़ लोगों के खिलाफ अन्याय कर रहे हैं।'' तालिबान का दावा है कि वे इस्लामी कानून और अफगान संस्कृति की अपनी व्याख्या के अनुसार महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करते हैं। हालांकि उन्होंने 2022 में लड़कियों के लिए हाई स्कूल खोलने के वादे पर यू-टर्न लिया। 2022 के अंत में महिला छात्रों के लिए विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया।


तालिबान ने भी दिया है प्रतिबंध हटाने का भरोसा


तालिबान प्रशासन तब से कहता रहा है कि वह स्कूलों को फिर से खोलने की योजना पर काम कर रहा है, लेकिन उसने कोई तारीख   नहीं बताई है। इस्लामी विद्वानों सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान नीतियों की व्यापक आलोचना की गई। पश्चिमी राजनयिकों ने कहा है कि तालिबान को औपचारिक मान्यता देने का कोई भी रास्ता तब तक बंद है जब तक कि महिलाओं के प्रति उनकी नीतियों में बदलाव नहीं होता।

Post a Comment

Previous Post Next Post