डीयू कुलपति ने किया उधमोध्या फाउंडेशन के दूसरे एफडीपी कार्यक्रम का उद्घाटन
दिल्ली, 15 मई।
दिल्ली विश्वविद्यालय के उधमोध्या फाउंडेशन के दूसरे एफडीपी कार्यक्रम का आयोजन महात्मा हंसराज महाविद्यालय टीचर ट्रेनिंग सेंटर के सहयोग से मंगलवार को विश्वविद्यालय के महर्षि कनाद भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि युवाओं को भविष्य में नौकरी चाहने वालों की अपेक्षा नौकरी देने वाले बनना है। उन्हें ऐसा बनाने के लिए शिक्षकों में नवीन मूल्यांकन प्रथाओं को विकसित करना आवश्यक है।
कुलपति ने कहा कि युवाओं को महत्वाकांक्षी लीडर बनने के लिए 4-सी यानी करेज (साहस), कम्युनिकेशन (संचार), कंपेशन (करुणा) और कमिटमेंट (प्रतिबद्धता) की प्रासंगिकता और इनके महत्व को समझना चाहिए। इस अवसर पर दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, उधमोध्या फाउंडेशन के संयुक्त डॉ. अभिषेक टंडन और हंसराज कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर रमा सहित अनेकों शिक्षक भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉ. अभिषेक टंडन ने उधमोध्या फाउंडेशन के तत्वावधान में इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। प्रो. रमा ने उपस्थित लोगों की सकारात्मक भावना को स्वीकार करते हुए, उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की भविष्य की आकांक्षाओं को शिक्षकों के सामूहिक और ईमानदार प्रयासों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। उन्हें अपनी कक्षा की जिम्मेदारियों से परे जाना होगा और सभी विद्यार्थियों के लिए निर्देशन और सीखने को प्रभावित करने और बढ़ाने के लिए स्कूल के भीतर अनौपचारिक और औपचारिक भूमिका निभानी होगी।