दिल्ली विश्वविद्यालय कल्चर काउंसिल द्वारा किया गया संगीत संध्या का आयोजन
प्रो. चारु कपूर ने गीतों के माध्यम से दी गीता दत्त, लता मंगेशकर और आशा भोंसले को श्रद्धांजलि
37वें उत्तर-पश्चिम क्षेत्र अंतर-विश्वविद्यालय युवा महोत्सव के विजेता विद्यार्थियों को कुलपति ने किया सम्मानित
नई दिल्ली, 23 मार्च।
दिल्ली विश्वविद्यालय की कल्चर काउंसिल द्वारा तीन महान गायिकाओं गीता दत्त, लता मंगेशकर और आशा भोंसले को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक संगीत संध्या का आयोजन किया गया। शुक्रवार देर सांय आयोजित इस कार्यक्रम में गायिका प्रो. चारु कपूर ने तीनों महान गायिकाओं को श्रद्धांजलि देते हुए उन तीनों द्वारा गाए गए अनेक गीतों को अपनी आवाज में पेश किया। इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए कल्चर काउंसिल को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित लोगों को होली की शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर कुलपति ने 37वें उत्तर-पश्चिम क्षेत्र अंतर-विश्वविद्यालय युवा महोत्सव-2024 में विजेता रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। गौरतलब है कि डीयू की टीमों ने इस युवा महोत्सव में कुल 6 श्रेणियों में अलग-अलग पुरस्कार प्राप्त किए थे।
कार्यक्रम के आरंभ में कल्चर काउंसिल के डीन प्रो. रविंदर रवि ने अपने शायराना अंदाज में अतिथियों का स्वागत किया। उसके पश्चात गायिका प्रो. चारु कपूर ने गीता दत्त के द्वारा 1954 में आई फिल्म “आर पार” में गाए गए गीत “बाबू जी धीरे चलना... प्यार में जरा संभलना... बड़े धोखे हैं इस राह में...” के साथ अपनी प्रस्तुतियां शुरू की। उसके पश्चात उन्होंने गीता दत्त के द्वारा गाए गए गीतों में से 3 और गीत “वक्त ने किया क्या हसीं सितम..., ए दिल मुझे बता दे तू किस पे आ गया है.... और मेरा नाम चिन चिन चू... ” प्रस्तुत किए। लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए प्रो. कपूर ने उनकी गज़ल “यूं हसरतों के दाग मुहब्बत में धो लिए...” के साथ ही उनके गाए गीतों “आ लग जा गले फिर ये हसीं रात हो न हो...”, “अजीब दास्तां है ये कहाँ शुरू कहाँ खत्म...” और “वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग जलते हैं...” को अपने सुरों में प्रस्तुत किया। उसके पश्चात उन्होंने आशा भोंसले के गाए गीतों “भँवरा बड़ा नादान है...” और “चुरा लिया है तुमने जो दिल को, नज़र नहीं चुराना सनम...” आदि को अपनी आवाज में प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह, डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, प्रॉक्टर प्रो. रजनी अब्बी और अनेकों शिक्षक एवं कर्मचारी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में कल्चर काउंसिल के जाइंट डीन डॉ. हेमंत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।